कब तक तु सफेद डंडी से राख गिराएगा ,
एक दिन वह आएगा
जब तु खुद उस राख में धँसा चला जाएगा |
कब तक तु अपने मुँह से धूआँ निकाले जाएगा ,
एक दिन वह आएगा
जब तु अपने मुहँ से 'आह' नही निकाल पाएगा |
लाचारी हालत मे तु कुछ ना कह पाएगा,
एक दिन वह आएगा
जब तेरा बेटा भी इसे पिए जाएगा |
अपनी फिक्र नही है तो अपनो की तो फिक्र कर,
उनके साथ तु आज जीलें कल तो तु चला जाएगा |
चिंता मत कर वह दिन जरूर आएगा ,
मौत में दम नही वो तुझे लेने नही आएगी
तू खुद रोता हुआ उसके पास जाएगा |
उनके साथ तु आज जीलें कल तो तु चला जाएगा |
चिंता मत कर वह दिन जरूर आएगा ,
मौत में दम नही वो तुझे लेने नही आएगी
तू खुद रोता हुआ उसके पास जाएगा |